Friday 23 September 2016

क्या जीएसटी पर्यटन व पर्यटकों का व्यय बढ़ाने में सहायता कर सकता है?

एक तत्काल प्रश्न जो मन में उठता है कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर का पर्यटन व खासतौर पर पर्यटकों के व्यय से क्या संबंध है।

हम आधारभूत प्रश्न की तरफ बढते हैं जो किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को चलाता है। आज के युग में कोई भी राष्ट्र तैल, सोना, प्रोद्योगिकी व रक्षा उत्पादों जैसी वस्तुओं का आयात किए बगैर गुज़ारा नहीं कर सकता। आयात करने के लिए हमें कुछ वस्तुओं का निर्यात करने की आवश्यकता होती है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार निर्यात को शुल्क मुक्त कर देती है। भले ही निर्यात राष्ट्र की भौगोलिक सीमा के भीतर ही क्यों ना किया गया हो? उदाहरण के लिए एक रूसी व्यक्ति लॉ गार्डन से ‘‘चनिया चोली’’ खरीदता है, क्या वह निर्यात है?

विश्व में लगभग 50 राष्ट्रों के पास ‘‘जीएसटी वापसी’’ नाम की एक प्रणाली है। इन राष्ट्रों में पर्यटकों द्वारा उनकी यात्रा के दौरान चुकाया गया कोई भी कर वापसी योग्य है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ राष्ट्रों में जीएसटी दरों का 20 प्रतिशत होना एक भारी छूट प्राप्त होने जैसा है। इससे पर्यटकों का व्यय अधिक मात्रा में होता है और इसके अतिरिक्त यह अधिक पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्रणाली बहुत सरल है, आपको बिल संभाल कर रखने होंगे और हवाई अड्डे पर सुरक्षा जाँच के बाद आपको सभी बिलों के साथ आपका पासपोर्ट एवं बोर्डिंग पास प्रस्तुत करना होगा। आपको मौके पर ही कर वापसी प्राप्त हो जाती है। शर्तें आसान हैं जैसे 6 महीने से कम का आवास व वैध रसीदें।

एक अन्य प्रश्न पूछा जा सकता है कि पर्यटन कितना बड़ा हो सकता है? पर्यटन की दृष्टि से पहले स्थान के राष्ट्र फ्रांस को हर वर्ष लगभग 8.4 करोड़ पर्यटक प्राप्त होते हैं और दूसरे स्थान वाले संयुक्त राज्य को 7.5 करोड़ पर्यटक प्राप्त होते हैं। हालांकि खर्च की दृष्टि से संयुक्त राज्य को 177 बिलियन डॉलर का व्यय प्राप्त होता है जबकि फ्रांस को मात्र 55 बिलियन डॉलर प्राप्त होता है। भारत को 77 लाख पर्यटक प्राप्त होते हैं व पर्यटकों के व्यय के रूप में 19 बिलियन डॉलर प्राप्त होते हैं। हम इन प्रमुखों से कहीं अधिक पीछे हैं। एशिया में भी हम शीर्ष 10 कंपनियों में से एक नहीं हैं। हमारे राष्ट्रों का निर्यात बनाए रखने के लिए हमें पर्यटक अनुकूल होने की आवश्यकता है। आगमन पर वीज़ा व हमारे कई सारे पर्यटक अनुकूल उपायों के द्वारा सरकार सही कदम उठा रही है। जीएसटी रोलआउट एक रूपरेखा भी बना सकती है जो यह सुनिश्चित कर सके कि पर्यटकों को राष्ट्र से वापस जाते समय कर वापसी दी जा रही है। इससे स्वतः ही दुकानदारों को एक उपयुक्त बिल देने व उन करों को दर्ज करने की आवश्यकता होगी जो उसने वसूल किए हैं। कर अनुपालन सुधारने के सरकार के लक्ष्य के लिए एक विशाल छलांग।

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