Tuesday 20 September 2016

बजट से अचल संपत्ति उद्योग की अपेक्षाएं

अचल संपत्ति पर कर मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी के रूप में, स्थानीय प्राधिकरण द्वारा संपत्ति कर के रूप में वसूल किया जाता है। तो अचल संपत्ति उद्योग में केंद्र सरकार बजट का अधिक प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है। परंतु अप्रत्यक्ष प्रभाव इतना अधिक है कि पूरा अचल संपत्ति उद्योग आशा करता है कि बजट उनका भाग्य बदल देगा। रोजगार की दृष्टि से कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। हालांकि भारत की निरंतर सभी सरकारों ने इस क्षेत्र को पूरी तरह नज़रंदाज़ किया है। इतना अधिक कि इसे उद्योग का दर्जा भी नहीं दिया गया है।

एक सामान्य अपेक्षा मध्यम वर्ग को घर खरीदने में सहायता देना होगी। हम कीमतों में गिरावट का इंतज़ार कर सकते हैं परंतु फिर नये घरों की आपूर्ति बंद हो जाएगी व कीमतें पुनः बढ़ जाएंगी। इसलिए सरकार वेतनभोगी आय से ब्याज की कटौती व ऋण चुकौती की सीमा को बढ़ा सकती है। यह मध्यम वर्ग को किरायेदारी से स्वामित्व की ओर तेजी से ले जाने व कीमतें बचाने में सहायता करेगा। खाली पड़ी अतिरिक्त सूची पर स्वामित्व कर लिया जाएगा व मध्यम वर्ग उनके स्वयं के घर का आनन्द उठा सकेंगे। वर्तमान सीमा भारत के शीर्ष 10 शहरों में छोटे से छोटा घर खरीदने के लिए पर्याप्त नहीं है।

मकान बीमा को एक छूट के रूप में अनुमति प्राप्त होनी चाहिए ताकि आपदा के समय मध्यम वर्ग को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त हो सके।

मकान किराया भत्ता एक सामान्य व्यक्ति द्वारा चुकाये गए किराए के साथ सामंजस्यता लिए हुए हो सकता है। 2000 रूपये प्रति महीने पर (80 जीजी सेक्टर एक मज़ाक है)। भारत के शीर्ष 10 शहरों में एक अच्छा 3 कमरों का मकान कम से कम 10,000 रूपये प्रति माह के किराये पर उपलब्ध होगा। वास्तव में ज़रूरतमंद की सहायता करने के लिए क्यों ना इसे बढ़ाया जाए?

एमजीएनइआरए-महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम गाँव से शहरों की ओर स्थानांतरण के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। रोज़गार की तलाश के लिए शहरों में आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है और इसलिए शहरी बेरोज़गारी कम हुई है। हालांकि कुछ भी कार्य ना करने के लिए पैसे प्राप्त होना- व्यक्ति को आलसी बनाता है। प्रतिवर्ष एमजीएनइआरए पर किये गये व्यय से हर वर्ष एक पूरा दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का निर्माण हो सकता है। तो काम ना करने के लिए लोगों को पैसे देने के बजाय सरकार को उतना पैसा देश भर में सार्वजनिक परिवहन निर्माण के लिए खर्च करना चाहिए। मेट्रो प्रत्येक शहर में सवारी का समय, प्रदूषण, यातायात कम कर देगा व यह यात्रियों की जेब के पैसे भी बचाएगा।

आयकर अधिनियम पूंजीगत लाभ कर से छूट प्रदान करता है यदि आप पिछले घर को बेचने के तीन वर्षों के भीतर नए घर में निवेश करें। हालांकि यदि निर्माण में हो रही देरी के कारण परियोजना समय पर प्रदान नहीं की गई तो ग्राहक को पूंजीगत लाभ कर का भुगतान करना होगा! इसे बदले जाने की आवश्यकता है।

आरईआईटी - अचल संपत्ति निवेश ट्रस्ट आम आदमी के लिए अधिक प्रतिफल देने वाली संपत्ति में निवेश करने का एक बहुत अच्छा प्रावधान है। हालांकि एक भी आरईआईटी स्थापित नहीं की गई है, वह इस कारण से हो सकता है क्योंकि आरईआईटी की आय कमाई गई आय पर डीडीटी के अधीन है। यह आरईआईटी निवेश पर वापसी बहुत कम कर देते हैं। इसलिए बजट डीडीआईटी से उनकी छूट के लिए एक प्रावधान बना सकता है।

सरकार को बाहरी निवेशकों को हर व्यक्ति के लिए अचल संपत्ति में निवेश करने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। यह हमें अचल संपत्ति में कीमती निवेश दिलाएगा व देश में मूल्यवान विदेशी मुद्रा लाएगा।

सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था में तेज़ी की आवश्कता बाकी सब से पहले अचल संपत्ति उद्योग को है क्योंकि जब अर्थव्यवस्था सुधरेगी तब उससे नए घरों व कार्यालय परिसरों की मांग बढेगी। 

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